खुद के लिए जिया तो क्या जिया
खुद के लिए जानवर भी जीते हैं
मिट जायेगी तेरी तन्हाई आयेंगी खुशीयाँ
तू औरों के लिए जी कर तो देख
हर करम पे मिलेंगे तुझे खुदा
तू खुदा के लिए जी कर तो देख
ग़ुरबत,बेबसी,लाचारी से भरी जिंदगी देख
खुदा भी कहता है,अपने बन्दों से
तू उठ, जाग,खड़ा हो मेरे लिए
तू अपना है,पराया नहीं
तू मेरे लिए जी कर तो देख
मैं अपने बन्दों से ना कहूँ अपना दुःख
तो क्या जाहिलों से कहूँ
वो भी मेरे बन्दे हैं
फर्क इतना है,तू अपना है दर्द समझता है
वो अपना है,दर्द देता है