मुझे अपने आयुर्वेद अध्ययन के दौरान आचार्य सुश्रुत के इस सन्दर्भ ने अत्यंत प्रभावित
किया है !.सूत्र स्थान अध्याय १६ का यह सन्दर्भ आचार्य सुश्रुत क़ी एडवांस टेक्नोलोजी को दर्शाता है !इस सन्दर्भ का अर्थ है क़ि यदि किसी व्यक्ति क़ी कान क़ी पाली कट गयी हो,या न हो तो गंडप्रदेश(टेम्पोरल रीजन) से जीवित (लाइव ) या सम्बन्ध रखने वाले मांस को लेकर रोगी क़ी कर्णपाली (पिन्ना) बनाएं ! सुश्रुत के कालखंड में हो रही प्लास्टिक सर्जरी का इससे अच्छा उदाहरण हो ही नहीं सकता ..........!!गंडादुत्पाटय मांसेन सानुबंधेंन जीवीत !
कर्णपालीमकपालेस्तु कुर्यान्निर्लिख्य शास्त्रवित !!