Sunday, October 16, 2011

भारत का सुपर बग


भारत में मिलने वाले "सुपर बग" जिससे पश्चिमी देश भयाक्रांत हैं, दरअसल जीवाणुओं में मिलनेवाला NDM-1 नामक एक "सुपर जीन" है ,जिसे ' न्यू देल्ही-मेटेलो -बीटा-लेक्टेमेज 'नाम दिया गया हैIआज इस सुपर बग से पूरा पश्चिमी जगत डरा है Iइससे भारत के मेडिकल टूरिज्म उद्योगके प्रभावित होने का पूरा ख़तरा हैI भारत में प्रतिवर्ष एक लाख से अधिक लोग विदेशों से स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेते हैं, तथा 
२०१२ तक इस उद्योग के २ बिलियन डालर तक पहुचने की सभावना है I अतः इसके पीछे पश्चिमी देशों की  एक सोची समझी साजिश को नकारा नहीं जा सकता है,क्योंकि इस "सुपर बग" के सुपर जीन का नाम भारत की राजधानी से  जोड़ कर देने की पीछे के मकसद को समझना भी आवश्यक होगा Iयदि इसे सबसे पहले भारत में देखा गया इसलिए इसका नाम 'न्यू देल्ही-मेटेलो -बीटा-लेक्टेमेज'  दिया गया ,तो फिर HIV के विषाणु को सबसे पहले अमेरिका में देखा गया तो इसका नाम अमेरिकी शहर के नाम पर क्यों नहीं रखा गया ?
यह बात ठीक है की इन दवाओं का दुरुपयोग भी ऐसी स्थिति के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है,लेकिन इस कुप्रचार में केवल भारत को शामिल करना पश्चिमी देशों की   नियत में संदेह पैदा करता हैI

No comments:

Post a Comment