कहते हैं,अच्छा खाना,अच्छा पहनना, अच्छी नींद और खुश रहने के बहाने ढूढना जीवन को खुशनुमा और सफल बनाने का एक जरिया है I हमारी परम्परा में त्योहारों को मनाने के पीछे भी यही सोच काम करती है I त्योहारों में अक्सर रिश्तेदारों,दोस्तों से मुलाक़ात हो ही जाती है,कभी-कभी तो पुराने गिले-शिकवे दूर कर रिश्तों क़ी कडवाहट मिठास में बदल जाती है I दीपावली के त्योहार को मनाने के पीछे भी जीवन को अन्धकार से मुक्त कर ज्योति स्वरुप प्रकाश क़ी तरह धन -धान्य एवं समृद्धि से चमकने क़ी ईश्वर से कामना करना है I दीपावली से पूर्व घरों क़ी साफ़-सफाई के पीछे भी स्वच्क्षता का सन्देश है, जिससे पूरा घर विसंक्रमित हो जाता है I इसी प्रकार पूजा में प्रयुक्त होनेवाली हवन सामग्री के घटक जीवाणुओं एवं विषाणुओं को दूर करने में मददगार होते हैं I पूजा में चढ़ाया जानेवाला नारियल,आम के पत्ते,बिल्व के पत्ते ,तुलसी के पत्ते ,पंचगव्य ,पंचामृत हर एक का अपना औषधीय महत्व आयुर्वेद क़ी पुस्तकों में विस्तार से बताया गया है I इसके पीछे का उद्देश्य लोगों क़ी आस्था को प्रकृति से जोड़कर पर्यावरण रक्षा का सन्देश देना है I हमारे देश में हर त्योहार को बड़े ही धूम धाम से मनाये जाने क़ी परम्परा है, इन्ही परम्पराओं में हमने कुछ ऐसे साधन भी विकसित कर लिए हैं, जो हमारे लिए शारीरिक ,मानसिक एवं आर्थिक नुकसान दे सकते हैं, शराब एवं जुआ इनमें से एक है ,अतः आवश्यकता है क़ि त्योहारों में शालीनता एवं मर्यादा का पालन कर पर्यावरण रक्षा का भाव अपने दिल में रखते हुए आतिशबाजी का प्रयोग करना स्वास्थ्य रक्षा के लिए उपयोगी होगा I हमें अपनी खुशी के साथ साथ औरों क़ी खुशियों का भी ख़याल रखना चाहिए I
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