Tuesday, March 6, 2012

ज्यादा पानी पीने वालों के लिए एक खास खबर....पढ़ेंगे तो हैरान रह जाएंगे!

आप शायद जानते होंगे की हमारे शरीर का 66 प्रतिशत भाग पानी से निर्मित है। पानी हमारे शरीर में खून के माध्यम से,कोशिकाओं के द्रव्य के रूप में और दो कोशिकाओं के मध्य के अवकाश के बीच दौड़ता रहता है। हर क्षण पानी हमारे शरीर से मल-मूत्र एवं छोड़ी गयी सांस के द्वारा बाहर निकलता है। हाँ यह बात सत्य है, कि इनकी कमी को पूरा किया जाना आवश्यक है, पर यह भी एक सत्य है, कि अत्यधिक मात्रा में पानी लेना भी खतरनाक हो सकता है, आप यह जान कर आश्चर्य में पड़ जायेंगे कि यह मौत का कारण भी बन सकता है।

अमेरिका के केलीफोर्निया के एक रेडियो स्टेशन में पानी पीने की हुई प्रतियोगिता- में एक 28 वर्षीय महिला की मौत अत्यधिक पानी पीने से हुए थी। उस महिला ने तीन घंटे में छह लीटर से अधिक पानी पी लिया था और उसे अत्यधिक उल्टी एवं सरदर्द जैसे लक्षणों के कारण गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया,जहां उसकी मौत हो गई। वर्ष 2005 में भी ठीक ऐसा ही एक वाकया केलीफोर्नीया स्टेट यूनिवर्सीटी में 21 वर्ष के एक पुरुष के साथ हुआ। 

जिसकी मौत सर्द बेसमेंट में लगातार नृत्य करने के कारण अधिक पसीना बहाने के कारण पानी की हुई कमी को पूरा करने के लिए अधिक पानी पीने से हुई। इतना ही नहीं वर्ष 2005 में न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडीसिन में प्रकाशित एक शोध से यह बात साबित हुई है, कि मेराथन दौड़ में भाग लेने वाले हर छह में से एक धावक अधिक पानी पीने से रक्त के अधिक डायल्युट हो जाने से हाइपोनेट्रीमीया के शिकार हो जाते हैं। यदि आप जरूरत से ज्यादा पानी पीते हैं, तो यह आपकी किडनी को अतिरिक्त पानी के दवाब से शरीर को मुक्त करने के लिए फ्लश नहीं कर पाने के कारण शरीर में पानी के जमाव का कारण बन जाता है। 

यह पानी उस स्थान में जाने लगता है। जहां नमक और अन्य घुलनशील पदार्थों क़ी सांद्रता अधिक होती है।यह खून से होते हुए कोशिकाओं के अन्दर घुस जाता है।कोशिकाएं इस अतिरिक्त पानी के आ जाने के कारण गुब्बारे की तरह फूल जाती हैं और एक सीमा तक फूलते-फूलते फट कर नष्ट हो जाती हैं। हां यह बात सत्य है, कि हर कोशिका की इसे समायोजित कर फूलने के क्षमता अलग-अलग होती है, इनमें मांसपेशियों की कोशिकाएं अधिक फूल सकती हैं। जबकि मस्तिष्क की तंत्रिका कोशिकाएं टाईट-पैक होने के कारण कम फूल पाती हैं ,अत: इनके फटने की संभावना अधिक होती है और यही मौत का कारण बन जाती है।अत: यह बात बिल्कुल सत्य से परे है ,कि खूब पानी पीयो और स्वस्थ रहो ..। 

कुछ साल पहले डार्टमोथ मेडीकल स्कूल के वैज्ञानिक हेल्ज वालटीन ने एक सामान्य व्यक्ति को दिन में कितना पानी पीना चाहिए इस पर शोध किया और दिन में आठ 3 आठ यानी आठ औंस आठ ग्लास पानी पीने के सिद्धांत को परखा, लेकिन आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि वे इसकी पुष्टि नहीं कर पाए ,क्योंकि यह व्यक्ति की सक्रियता,वातावरण आदि के अनुसार बदल जाता है। उनका यह अध्ययन वर्ष 2002 के जर्नल ऑफ फिजीयोलोजी में प्रकाशित हुआ था। अत: यह बात तो तय है ,कि़ यदि आप ज्यादा पानी पीएंगे तो यह निश्चित तौर पर खतरनाक हो सकता है, वैसे भी हमारे ऋषि-मुनियों ने जल को पंचमहाभूत में से एक माना है और किसी भी एक महाभूत क़ी अधिक वृद्धि को इस पिंड शरीर के लिए खतरनाक माना है, जो इसकी स्वयं पुष्टी करता है तो आप पानी जरूर पीएं पर जरा संभल कर ......क्योंकि - अति सर्वत्र वर्जयते- !! इसी आर्टिकल  को पढ़ने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें :http://religion.bhaskar.com/article/yoga-for-those-drinking-more-water-will-be-surprised-to-learn-a-little-news-2911277.html

No comments:

Post a Comment