Tuesday, March 6, 2012

पानी पीएं...मगर कितना? ये पता चल जाएगा इसे पढऩे के बाद

जल ही जीवन है यह बात अक्षरश : सत्य है।  सृष्टी  क़ी  उत्पत्ति  से  लेकर  आज  तक  जल  का  महाभूत  के  रूप  में  प्रमुख  स्थान  रहा  है।  सृष्टि  क़ी  उत्पत्ति  क़ी प्रारम्भिक अवस्था में जलीभूत होना माना गया  है। आज भी जल ब्रह्माण्ड में जीवन की उत्पत्ति की संभावनाओं क़ी तलाश को मजबूती देता  है ..। पिंड शरीर और ब्रह्माण्ड में समानता को आयुर्वेद भी मानता रहा है। इसका प्रमाण कोशिकाओं के मध्य पाए जानेवाले द्रव्य क़ी रसायनिक रूप से समंदर के खारे पानी के समान होना स्वयंसिद्ध है। अत: जल का हमारे शरीर के लिए भी अपना महत्व है, जिसे पूर्व के प्रसंग में उदधृत किया गया। परन्तु शरीर के लिए इसकी आवश्यकता कितनी हो इस पर प्रकाश डालना भी आवश्यक हो जाता है ..। 

इसमें कोई शक नहीं कि उचित मात्रा में जल का सेवन निरोगी रहने का मूल मंत्र है। हाँ पर अहम् सवाल यह है, कि एक स्वस्थ व्यक्ति को दिन भर में कितना पानी पीना चाहिए..? कुछ वैज्ञानिकों का मानना है, कि औसतन एक स्वस्थ व्यक्ति को दिन भर में आठ ग्लास पानी पीना चाहिए परन्तु विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि यह व्यक्ति विशेष के लिए थोड़ा बहुत अलग हो सकता है। ऐसा देखा जाता है,कि एक वयस्क औसतन आठ से बारह कप की मात्रा में शरीर से जलीयांश का उत्सर्जन करते हैं और खासकर गर्मी की दिनों में एवं खिलाडिय़ों में यह मात्रा  कुछ अधिक हो सकती है। अत: हमें खपत के अनुपात में ही शरीर को हाइड्रेट करना चाहिए ज्हाँ कुछ बातों का पानी पीने के दौरान आप ध्यान अवश्य रखें :-

- आपको जितनी प्यास लगी हो उससे लगभग दुगना पानी एक बार में पीएं।

-  गर्मियों के दिनों में डीहाईडरेशन से बचने के लिए बीच बीच में जलीय अंश अवश्य लें।

- पूरे दिन में लगभग आठ ग्लास पानी अवश्य ही पीएं।

- प्रति बीस पाउंड वजन के हिसाब से एक कप पानी ,यानी 150 पाउंड वजन का व्यक्ति जो व्यायाम नहीं करता है वह गर्मी के दिनों में कम से कम साढे सात कप पानी तो अवश्य ही पीएं।

कुछ फलों के रस एवं शीतल  पेय पदार्थ भी जलीय अंश की पूर्ति तो करते ही हैं, लेकिन काफी या चाय थोड़ा मूत्र पर प्रभाव भी दर्शाते  हैं और यह ठीक भी है। पर ध्यान रहे कि आपके मूत्र का रंग साफ हो .. अगर यह पीला आने लगे तो आप मानें कि शरीर में पानी की कमी हो गयी है और शरीर इसे संरक्षित कर रहा है। अगर आप अपने शरीर की पानी की आवश्यकता को जानना चाहते है, तो आपके लिए एक टिप है। आप एक जग में आठ ग्लास  पानी लें और इससे  चौबीस घंटे में जितना हो सके पीएं और साथ ही  अपने पेशाब के द्वारा उत्सर्जित की गयी मात्रा को भी अनुमानित करें। इससे आपको आपके शरीर के लिए औसतन आवश्यक पानी की मात्रा का पता चल जाएगा। जल एक शक्तिदायक औषधि है और औषधि का उपयोग हमेशा सावधानी के साथ करना चाहिए। इसी आर्टिकल को पढ़ने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें :http://religion.bhaskar.com/article/yoga-drink-water-2943637.html

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