आपने कई लोगों खानदानी रूप से मोटापे का शिकार होते देखा होगा, कई परिवारों में एक निश्चित उम्र के बाद मोटापा शरीर पर अपना प्रभाव दिखाने लगता है। नए शोधों के समूह के परिणाम ऐसे लोगों में आशा की एक नई किरण हो सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं के एक समूह ने यह पाया है , कि मोटापे के लिए जिम्मेदार जीन जिसे - एफ .टी. ओ. जीन- कहा जाता है, शारीरिक रूप से सक्रिय लोगों में, निष्क्रिय लोगों की अपेक्षा 27 प्रतिशत कम प्रभावी होता है।
दो लाख अठारह हजार लोगों में कराये गए अध्ययनों , जिनमे 45 अलग-अलग शोध सम्मिलित हैं, इनके परिणाम इस बात क ी पुष्टि करते हैं। इन अध्ययनों के अनुसार मोटापे से निजात पाने के लिए केवल मेराथान दौड़ ,जिम में घंटों पसीना बहाना ही आवश्यक नहीं है, बल्कि आप केवल प्रात: काल अपने पेट्स को घुमाकर ,साइक्लिंग कर या सीढिय़ों में चढ़कर ,लगभग दिन में एक घंटे (सप्ताह में पांच दिन ) एक्टिव रहकर ही अपने मोटापे को नियंत्रित कर सकते हैं।
ब्रिटेन में केम्ब्रिज स्थित एडीनब्रुक हॉस्पिटल में चल रहे जेनेटिक एटीयोलोजी आफ ओबेसीटी प्रोग्राम के टीम लीडर रुथ लॉस के अनुसार ये परिणाम आनुवंशिक रूप से मोटापे से पीडि़त लोगों को हेल्दी लाइफ स्टाइल ( नियमित सक्रिय दिनचर्या ) अपनाने के लिए प्रेरित करेगा। इस अध्ययन के परिणाम आनलाइन जर्नल मेडिसीन में प्रकाशित हुए हैं। आयुर्वेद भी सक्रिय दिनचर्या को अपनाने पर बल देता है, तथा योग के आसनों का अभ्यास तो क्या आनुवंशिक, क्या सामान्य ,हर तरह के मोटापे एवं वजन को नियंत्रित करने में प्रभावी है।इसी आर्टिकल को पढ़ने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें :http://religion.bhaskar.com/article/yoga-ayurveda-good-news-for-obese-people-to-learn-it-click-2541353.html
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