Monday, November 28, 2011

एड्स पर रिसर्च के आए ऐसे परिणाम आप जानकर भौचक्के रह जाएंगे!

दुनिया में एच .आई .वी वाइरस के बढ़ते संक्रमणों के प्रति विकसित एवं विकासशील देशों में चिंता व्याप्त है। अमेरिका ने तो अपने यहां के सभी सेक्सुअली एक्टिव युवाओं का ग्रुप एच .आई.वी.स्क्रीनिंग कराने का फैसला किया है। इसके तहत 16 वर्ष से ऊपर के सभी युवाओं का एच .आई.वी. स्क्रीनिंग कराया जाएगा। एक करोड़ से अधिक अमेरीकी  एच. आई. वी. संक्रमित हो चुके हैं, तथा इनमे 55,000 से अधिक 13 से 24 वर्ष की आयु वर्ग के है। 
जर्नल आफ पीडीयाट्रिक्स में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार 48 प्रतिशत युवाओं को तो यह पता ही नहीं है, कि वे एच. आई .वी. से संक्रमित हो चुके हैं , और यही इस रोग का सबसे खतरनाक पहलू है , कि जिन्हें इसका पता नहीं है, वे तेजी से इसे फैला रहे हैं। आपको मालुम होगा कि एच.आई.वी .वाइरस का यदि समय पर उपचार न किया जाय तो यह एड्स के रूप  में सामने आता  है। आधुनिक दवाओं का प्रयोग एच .आई .वी .के संक्रमण को एड्स के रूप में आने के समय को कई वर्षों तक लम्बा कर सकता है। 
अमेरिका में  एच .आई.वी .के संक्रमण की  जांच का दायरा वेश्याओं,होमोसेक्सुअल एवं ड्रग्स का प्रयोग करने वालों तक ही था, लेकिन वर्ष 2006 के बाद यूएस.डिजीज कण्ट्रोल एंड प्रीवेंसन ने इस दायरे को बढ़ाकर हर 13 साल की आयु से ऊपर के व्यक्ति का एच.आई.वी. स्क्रीनिंग कराये जाना सुनिश्चित किया, चाहे वो रिस्क ग्रुप में हो या न हो। यह  बात महत्वपूर्ण है, कि   अमेरिकी टीनएजर्स  में से 60 प्रतिशत ने स्वयं को  सेक्सुअली  एक्टिव  माना है ,अत: इस स्क्रीनिंग से छुपे हुए संक्रमण को सामने लाने में मदद मिलेगी ,जो इस रोग के फैलने से रोकने में मददगार होगा। अमेरिका के इस मास स्क्रीनिंग के फैसले को क्या बदले परिवेश में भारत में लागू नहीं किया जाना चाहिए? इसी आर्टिकल को पढ़ने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें :http://religion.bhaskar.com/article/yoga-ayurveda-america-came-to-know-the-results-you-will-be-stunned-2534397.html

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