Monday, November 28, 2011

वैज्ञानिकों ने भी मान लिया मुलेठी है इन सारी बीमारियों की अचूक दवा

आयुर्वेद जिसके गुणों का बखान सदियों से करता आ रहा है ,अब वैज्ञानिक भी उसके गुणों के मुरीद हो चुकें हैं ,जानना चाहेंगे  आप उसका नाम ,जी हां मुलेठी है उसका नाम। अमेरिका स्थित युनिवर्सिटी आफ साउथ केलीफोर्निया के वैज्ञानिक उन्ही  बातों को दुहरा रहे हैं, जिसके गुणों को आयुर्वेदिक ग्रथों में कई बार विभिन्न रोगों के सन्दर्भ में बताया गया है। 

वैज्ञानिकों ने मुलेठी जिसे अंगरेजी में लीकोरिस के नाम से जाना जाता है,इसके एक्सट्रेक्ट की गोली बनाकर उन महिलाओं में प्रयोग कराया ,जिन्हें माहवारी बंद होने के आखिरी दिनों में सूर्ख चेहरे,रात में पसीना आना,नींद न आना जैसी समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा था। वैज्ञानिकों ने मुलेठी की  जड़ का प्रयोग इस शोध में किया है, वैज्ञानिकों का कहना है, स्रि यह महिलाओं की क्वालिटी ऑफ लाइफ को बेहतर करने की अचूक दवा है। 
यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ केलीफोर्निया के वैज्ञानिकों ने मुलेठी के एक्सट्रेक्ट जिसे 'लाईकोजन 'नाम दिया गया है ,इसे 51 महिलाओं में प्रयोग कराया,वैज्ञानिकों का ऐसा मानाना है ,कि मुलेठी में स्थित रसायन महिलाओं के हारमोन 'एस्ट्रोजन ' से मिलता जुलता है। इस शोध के परिणामों को अमेरीकन सोसाईटी फार रीप्रोडकटीव मेडीसीन के सालाना कांफ्रेंस में प्रस्तुत किया गया है। तो हों जाए तैयार, अब वो दिन दूर नहीं कि   जिस मुलेठी को आयुर्वेद में दमा,खांसी,हाईपरएसिडीटी,गले क़ी खरास ,अल्सर ,पेशाब में जलन आदि अनेकों बीमारियों को ठीक करने क़ी दवा कहा गया है, उसी की गोलीयां बाजार में महिलाओं के पोस्टमेनोपोजल लक्षणों को दूर करने के लिए आधुनिक गोलियों के रूप में मिलने लगें।इसी आर्टिकल को पढने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिओक करें :http://religion.bhaskar.com/article/yoga-ayurveda-assumed-all-the-diseases-specific-drug-muleti-2513902.html

No comments:

Post a Comment